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Thursday 21 July 2022

The Portrait of A Lady :: Khushwant Singh

 

इस पाठ में प्रसिद्ध लेखक खुशवन्त सिंह ने अपनी दादी का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया है। उसकी दादी बहुत बूढी हो चुकी  थी। उसके चेहरे पर काफी झुर्रियाँ  थीं। उसके बाल सफ़ेद हो चुके  थे और उसकी कमर झुकी हुई  थी।लेखक के लिए  यह  विश्वास  करना   काफी  कठिन  था  कि कभी  वह  युवा  एवं   आकर्षक  थीं। बैठक में   उसके दादा जी का बड़ा सा चित्र टंगा हुआ था।  जिसमे उन्होंने बड़ी सी पगड़ी पहन रखी थी और उनकी दाढ़ी बिलकुल सफ़ेद थी।  लेखक को अपने दादा जी की आयु  भी   कम से  कम   सौ  वर्ष लगती। खुशवन्त सिंह की दादी का कद छोटा था। वह मोटी तथा थोड़ी सी झुकी हुई थी। वह सीधी नहीं चल सकती थी। संतुलन बनाए रखने  के लिए वह एक  हाथ अपनी कमर  पर रखकर चलती थी  और  दूसरे हाथ  में वह एक माला पकडे रहती थी। वह सदा माला के मनके फेरती रहती थी। उसके होंठ लगातार प्रार्थना में हिलते रहते थे। 
वह सफेद वस्त्र पहनती थी। उसके चांदी जैसे बाल उसके चेहरे पर बिखरे पड़े रहते थे। वह बर्फ से ढके  सफेद पर्वतों जैसी लगती थी। वह शान्ति एवं संतुष्टि का चित्र प्रतीत होती थी। वह इतनी  वृद्धा थी कि शायद वह इससे अधिक और वृद्धा नहीं हो  सकती थी। पिछले बीस वर्षों से वह वैसी ही दिखाई देती थी। 
खुशवन्त सिंह तथा उसकी दादी अच्छे मित्र थे। उसके माता-पिता शहर  में चले गये थे। वे उसे गाँव में दादी के पास छोड़ गये। वह उसकी अच्छी देखभाल करती थी। वह उसे सवेरे सवेरे जगाकर   स्कूल के लिए तैयार करती थी।इस दौरान  वह सदा अपनी प्रार्थना गुनगुनाती  रहती थी। वह चाहती  थी कि लेखक  भी उसे याद कर ले  वह दादी की आवाज पसंद करता था किंतु उसने इसे सीखने की कभी भी परवाह नही की। फिर वह उसकी लकड़ी की तख्ती लाती। वह इसे  पहले ही धोकर पीली चाक-मिट्टी से पोत देती थी  वह एक मिट्टी की दवात तथा सरकंडे का कलम लेती और  उन्हें एक बंडल में बांध  कर  उसे दे देती।                        
 
नाश्ते में वह उसे एक मोटी बासी रोटी के ऊपर थोड़ा-सा मक्खन तथा चीनी लगाकर  देती। वह गाँव के कुत्तों के लिए काफी बासी चपातियाँ अपने साथ ले जाती थी। उसकी दादी सदा उसके साथ पाठशाला भी जाती थी। पाठशाला गुरूद्वारे  से जुड़ी हुई थी। पुजारी सभी बच्चों को वर्णमाला तथा प्रार्थना सिखाता था। बच्चे बरामदे में दो कतारों में बैठकर  एक सामूहिक गान के रूप में ही वर्णमाला अथवा प्रार्थना गाते थे। दादी मंदिर में भीतर बैठ कर  धार्मिक पुस्तकें पढ़ा करती थी। फिर वे दोनों एक साथ घर आते थे। गाँव के कुत्ते मंदिर के द्वार पर एकत्रित हो जाते। दादी  उनको चपातियाँ  डालती  जिनके लिए कुत्ते एक दूसरे पर गुर्राते तथा झगड़ते थे।
कुछ दिनों बाद लेखक  के पिता ने उन्हें शहर  में बुला लिया। अब    लेखक और उसकी दादी की   मित्रता में एक परिवर्तन बिंदु  ( Turning Point ) आ गया था । वे एक ही कमरे में रहते थे। किंतु दादी अब उसके साथ विद्यालय नहीं जा सकती  थी। लेखक  एक  बस में सवार होकर एक अंग्रेजी विद्यालय में पढ़ने जाया करता था। शहर  की गलियों में  कुत्ते नहीं थे। अत: दादी ने चिड़ियों को भोजन खिलाना आरंभ कर दिया।-------
इस प्रकार कई साल बीत गए।   वे एक दूसरे से कम मिलते थे। कभी-कभी वह उससे पूछ लेती थी कि उसके अध्यापक ने उसे क्या पढ़ाया है। वह उन चीजों को पसंद  नहीं करती थी जो वे अंग्रेजी विद्यालय में पढ़ाते थे। वह अंग्रेजी अथवा विज्ञान को पसंद नहीं करती थी। वह यह सोचकर उदास हो जाती थी कि विद्यालय में ईश्वर तथा धार्मिक ग्रन्थों के विषय में शिक्षा नहीं दी जाती थी। लेखक  ने एक दिन उसे बताया था कि उसे  स्कूल में संगीत सिखाया जा रहा है । दादी को यह बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा।    वह संगीत को अशोभनीय समझती थी और  उसके अनुसार यह कुलीन लोगों  के उपयुक्त नहीं था।.........
.... जब वह कॉलेज जाने लगा तो  उसे अलग कमरा मिल गया और दादी के साथ उसकी मित्रता की  अंतिम कड़ी भी टूट गई। दादी ने इस अलगाव को भी चुपचाप  स्वीकार  लिया। अब  वह पूरे दिन चरखा कातती  रहती। दोपहर का समय उसके लिए सबसे ख़ुशी भरा समय होता जब वह अपने आंगन में चिड़ियों को दाना डालती।  सैकड़ों चिड़ियाँ उसके  इर्द  गिर्द   झूम जाती , कुछ उसके कन्धों पर, कुछ सिर पर भी बैठ जाती।  परन्तु वह उन्हें हटाती नहीं और  हमेशा मुस्कुराती रहती। 
कॉलेज की पढाई पूरी करने के बाद लेखक को अब पढ़ने के लिए पांच साल तक  विदेश जाना था।  उसे लगता था कि जब वह वापिस आएगा तब तक उसकी  दादी जीवित नहीं रहेगी। दादी घर  के सभी  सदस्यों के साथ उसे छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन तक गई। वह पूरे समय चुपचाप मन ही मन अपनी प्रार्थना कर रही थी।  उसने लेखक का सिर पुचकारा।  उसे लगा कि वह अंतिम बार अपनी दादी से मिल रहा है। ......... 
परन्तु जब वह पांच साल बाद वापिस आया तो दादी उसे लेने के लिए स्टेशन पर खड़ी थी।  वह बिलकुल वैसी ही लग रही थी जैसी पांच साल पहले दिखती थी। उसने लेखक को गले से लगाया और वह काफी प्रसन्न लग रही थी।  
उस दिन शाम को दादी ने अपनी प्रतिदिन की प्रार्थना नहीं की।  उसमे थोड़ा बदलाव आ गया था।  दादी ने पड़ोस की सब महिलाओं को इकट्ठा किया और एक पुराने ढोल को बजाते हुए  सभी महिलाओं ने योद्धाओं के घर वापस आने पर गाए जाने वाले लोकगीत गाए । दादी माँ अत्यधिक भावुक हो गई थी और घर वालों को उसे आराम करने के लिए कहना  पड़ा। 
अगली सुबह दादी को हल्का बुखार आ गया।  डॉक्टर ने कहा कि जल्द ही बुखार  उतर जाएगा। परन्तु दादी अलग ही सोच रही थी। उसने कहा कि उसका अंतिम समय आ गया है। उसने घर वालों से बात करनी बंद कर दी और  वह निरंतर परमात्मा की प्रार्थना करने लगी।  घरवालों के समझाने का भी कोई असर नहीं हुआ।  वह अपने बिस्तर में शांति से आँखे  बंद किए लेटी  रही। थोड़ी देर बाद उसके होंठ हिलने बंद हो गई।  माला उसके हाथों से छूट कर नीचे गिर गई। दादी के चेहरे पर एक दिव्य शांति छा गई  थी।  दादी मर चुकी थी।  ..... 
परंपरा के अनुसार दादी को जमीन पर  लिटाया  गया और एक लाल कफ़न से ढका गया।  ढलते हुए सूरज की  सुनहरी रोशनी  पूरे आँगन  में फ़ैल गई।  जब दादी को श्मशान ले जाया जा रहा था तो घर के बरामदे और मुंडेर पर सैकड़ों चिड़ियाँ  चुपचाप आ कर बैठ गई। लेखक की माता ने उनके लिए रोटियों के छोटे -छोटे टुकड़े डाले परन्तु चिड़ियों ने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया।  वो बिना चहचहाहट के बैठी रहीं जैसे  वे भी  दादी को अंतिम विदाई देने के लिए  आई  थी।   और जैसे ही दादी के शव को घर से ले जाया गया  तो सभी चिड़ियाँ ख़ामोशी से उड़ गई।  ... रोटियों के टुकड़े ज्यों के त्यों वहीँ पड़े थे, जिन्हे अगली सुबह सफाई वाले ने कूड़े दान में दाल दिया।   ....... 


Writing Work --
Notice these expressions in the text. Infer their meaning from the context.  
the thought was almost revolting- ऐसा विचार जो परेशान करने वाला हो  , an expanse of pure white serenity- पवित्र और सफ़ेद शांति का विस्तार , a turning-point-परिवर्तन बिंदु ,  accepted her seclusion with resignation-एकाकीपन को सहजता से स्वीकार करना , a veritable bedlam of chirrupings - चहचहाहट  का वास्तविक  कोलाहल ,   frivolous rebukes-हलकी (दिखावटी)  झिड़कियां,    

Word Meaning:-
wrinkled - झुर्रियों से भरा , portrait -बड़ा चित्र, absurd - बेतुका  undignified - अशोभनीय , fables परीकथाएँ , Prophets-पैगम्बर  terribly -  अत्यधिक  , spotless -बेदागbeads -मनके , rosary- नाम जपने की माला,  scattered- बिखरे हुए ,constantly- लगातार , inaudible -जो सुनाई ना दे ,contentment- संतुष्टि , monotonous -एक जैसे स्वर में  , stale - बासी , Temple- मंदिर, (यहाँ -गुरुद्वारा), alphabet- वर्णमाला, chorus- एक साथ मिलकर , scriptures- धार्मिक ग्रंथ , comfortably- आरामदायक, courtyard- आंगन  ,law of gravity-गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत  , distressed- दुखी, व्यथित,  lewd -भद्दा  , disapproval --असहमति ,snapped- टूट गया, seclusion- एकाकीपन , spinning wheel- चरखा , reciting -उच्चारण करना,  गुनगुनाना,  veritable -वास्तविक ,सच्चा, perched- बैठ जाना , sentimental- भावुक , emotion- मनोभाव  , cherished -बड़े दुलार  से , moist- नम,  happiest- सबसे अधिक खुशी का , sagging -लटकते हुए,  ढीले,  dilapidated- पुराने ,warriors- योद्धा,  mild- हल्का ,omitted -टाला गया  ,  ignored -अनदेखा करना , customary- रिवाज के मुताबिक , shroud -कफन , funeral -अंतिम संस्कार ,  crude stretcher-अर्थी ,cremation -  दाह संस्कार ,  blaze- चमक , crumbs- छोटे-छोटे टुकड़े , corpse  - शव    ✏


Textual Exercise :- 
Q1.- Describe  the  three-phase of the the author's relationship with his grandmother before he left  the country  to study abroad.
Ans.-  The first phase of their relationship is  in the village , when he was a child. His grandmother takes care of all the needs of the author. His school was  attached to the  village Temple. After school she brings him back home. 
The second stage of their relationship begins when the author joins an English School in the City. Now she can't go with him to his school. 
The third phase comes when  she learns that the author is learning music at school. He doesn't like it. Now  she rarely talks to the author. 
Q2. -Describe the three reasons, why the author's grandmother was disturbed  when he started going to the city school 
Ans.- The grandmother couldn't go with him to the school as she  used to  in the village . Now, the author used to go to school in a bus. She didn't like the things the author was being taught at school. She wanted that the author should study about the religion  and scriptures. The biggest shock came to her when she learnt that the author was learning music in his school . For her, music was not  meant for the gentle people. Now she rarely talked  to the author.
Q3. -Mention the three ways in which the author's  grandmother spent her days after he grew up?
Ans. -She spent most of her time in spinning wheel . She recited scriptures. In the afternoon, she  fed the sparrows in courtyard. 
Q4. -Describe the odd way in which the author's grandmother behaved just before she  died?
Ans.- Grandmother said that her end was near. She also said that she didn't want to waste her time. She laid peacefully in her bed. She started praying and telling her beads. Soon, her lips stopped moving. The rosary fell down from her fingers. There was a peace on her face. She was dead .
Q5.-Comment on the way in which sparrows expressed their sorrow when the author's grandmother died?
Ans.-Thousand of the sparrows came to the place where  Grandmother lay dead. They were all very quiet. They didn't chirp at all. The authors mother threw some crumbs to them. They took no notice on them.  They flew silently when the dead body was carried away.  















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